बेंगलुरु में गौरी लंकेश के घर में घुस कर हत्यारो ने 7 गोलियां चलायी जिसमे ३ गोली गौरी लंकेश को लगने से हुई मौत
बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के 11 घंटों के बाद भी सुराग के नाम पर अभी कुछ सामने नहीं आया है. मंगलवार शाम दो हमलावरों ने 8 बजे के करीब उनके घर में घुसकर उन्हें गोलियां मारी. हमलावरों की संख्या दो बताई जा रही है. घर के बरामदे में खड़ी गौरी पर ताबड़तोड़ फ़ायरिंग शुरू कर दी. हत्यारों ने 7 राउंड गोलियां चलाईं, गौरी को तीन गोलियां लगी और मौक़े पर ही उनकी मौत हो गई.
पुलिस पास की एक इमारत में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हत्यारों की पहचान में जुटी है. हत्यारों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं. ‘गौरी लंकेश पत्रिके‘ की संपादक गौरी हित्दुत्व की राजनीति की मुखर आलोचक थीं. पिछले साल उन्हें मानहानि केस का दोषी पाया गया था. बीजेपी नेता के ऊपर की गई एक रिपोर्ट के मामले में बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने उन पर मानहानि का केस किया था.
गौरी लंकेश की हत्या पर राहुल गांधी बोले- हिंसा करने वालों को PM नरेंद्र मोदी की घुड़की सिर्फ दिखावा
राहुल गांधी बोले
वो देश में सिर्फ एक ही आवाज सुनना चाहते हैं
गौरी कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ लड़ रही थीं
सच्चाई को कभी भी दबाया नहीं जा सकता
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर टी सुनील कुमार ने कहा कि करीब 8 बजे जब गौरी लंकेश घर आईं तो उन्होंने गेट के सामने कार पार्क की और जब वह गेट खोल रही थीं तो उन्हें गोली मारी गई. जब पड़ोसी उन्हें देखने आए तो उन्होंने देखा कि गौरी लंकेश घर के बरामदे में गिरी हुई हैं. उन लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस आई तो देखा कि गौरी ख़ून से सनी पड़ी हैं. वहां पर चार ख़ाली कारतूस मिले.उन चार में से कितनी गोलियां उन्हें लगी ये स्टमार्ट्म के बाद पता चलेगा.
गौरी लंकेश की दोस्त ने बताया कि वह उन सभी लोगों की अच्छी दोस्त थी जो धर्मनिरपेक्षता को समझते थे. उन लोगों ने उन्हें मार दिया.
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि इस तरह की हत्या जनतंत्र और इंसानियत के खिलाफ है. मेधा पाटकर कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर की हत्या में अब तक सज़ा नहीं. जब तक इन केसों में सज़ा नहीं मिलती तब तक ऐसी हत्याएं होती रहेंगी. ऐसे विशेष लोगों और उनके परिवारों को सुरक्षा दी जाए.
आखिर कौन थीं गौरी लंकेश
- वह ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं
- 2005 में पत्रिका की शुरुआत की
- व्यवस्था विरोधी रुख की वजह से लोकप्रियता
- कर्नाटक की सिविल सोसायटी का जाना माना चेहरा थीं
- विचारधारा अलग होने की वजह से निशाने पर थीं
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. बेंगलुरु में बीती रात लोगों ने कैंडल मार्च निकाला.
आज भी जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन होने हैं. बेंगलुरु, मैंगलोर, मांड्या में हत्या के विरोध में आज प्रदर्शन की तैयारी है. वहीं दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई में भी गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी है.